सोमवार को संजीव भट्ट की गिरफ्तारी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली: गुजरात के डीआईजी रैंक पुलिस अधिकारी और गुजरात नरसंहार के मुख्य गवाह संजीव भट्ट की गिरफ्तार को लेकर सिविल सोसाईटी ऑर्गनाईजेशन, सिविल राईट्स ग्रुप और एक्टिविस्टों के बीच काफी रोष है. ऐसे में पूरे देश के एक्टिविस्टों और सिविल राइट्स ग्रुप्स ने सोमवार को भट्ट की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध में एक राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है.
ANHAD, अखिल भारतीय सेकुलर फोरम और विभिन्न अन्य संगठनों द्वारा किए गए  अह्वान पर  इलाहाबाद, लखनऊ, वाराणसी, बाराबंकी, झांसी, भोपाल, इंदौर, दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, भुवनेश्वर, पुणे, देहरादून, बंगलौर, बड़ौदा, जम्मू, श्रीनगर, चेन्नई, त्रिवेन्द्रम, हिसार, रोहतक, गोंडा और फैजाबाद के शहरों में इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा है.

दिल्ली में भी संजीव भट्ट के इस गिरफ्तारी को लेकर एक विरोध-प्रदर्शन सोमवार, 3:30 बजे  गुजरात भवन के बाहर आयोजित करने का फैसला आज एक मीटिंग में लिया गया है. इस अवसर पर वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने इस गिरफ्तारी को असंवैधानिक करार देते कहा कि  "हम मोदी सरकार द्वारा संजीव भट्ट  की गिरफ्तारी की निंदा करते हैं. "    दिल्ली के सिविल राइट्स एक्टिविस्ट महताब आलम ने इस अवसर पर कहा कि   "हम संजीव भट्ट की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं"  साथ ही उन्होंने न्याय व शांति प्रिय लोगों को बड़ी संख्या में इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है. 
स्पष्ट रहे कि केवल संजीव भट्ट ही एक ऐसे पुलिस अधिकारी है, जिन्होंने मोदी के खिलाफ सबूत दिया है कि  मोदी 2002 के गुजरात नरसंहार में शामिल थे। 

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