tag:blogger.com,1999:blog-608632017228824414.post6930574632730350509..comments2023-08-01T18:39:57.464+05:30Comments on बर्बरता के विरुद्ध: अयोध्या विवाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय का निर्णय: एक इतिहासकार की दृष्टि सेसंदीपhttp://www.blogger.com/profile/01871787984864513003noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-608632017228824414.post-2043521982241472392010-10-03T00:45:15.288+05:302010-10-03T00:45:15.288+05:30गौर करने वाली बात है कि इस फैसले के बाद जो लोग भार...गौर करने वाली बात है कि इस फैसले के बाद जो लोग भारतीय न्यायिक व्यवस्था की शान में कसीदे पढ़ रहे हैं वो वही लोग हैं जिन्होंने इसी न्यायिक व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ाते हुए १९९२ में बाबरी मस्जिद गिराने का आपराधिक कृत्य अंजाम दिया था. तब उनका तर्क था कि आस्था का प्रश्न क़ानून से परे है. ऐसे अपराधियों को कड़ी सजा देने के बजाय उन्हें इस फैसले के रूप में इनाम देना इस पूरी व्यवस्था के धर्म निरपेक्षता के दावे कि कलाई खोल देता है.Anand Singhhttps://www.blogger.com/profile/00146923007469562772noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-608632017228824414.post-62950775825883970682010-10-03T00:45:08.647+05:302010-10-03T00:45:08.647+05:30गौर करने वाली बात है कि इस फैसले के बाद जो लोग भार...गौर करने वाली बात है कि इस फैसले के बाद जो लोग भारतीय न्यायिक व्यवस्था की शान में कसीदे पढ़ रहे हैं वो वही लोग हैं जिन्होंने इसी न्यायिक व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ाते हुए १९९२ में बाबरी मस्जिद गिराने का आपराधिक कृत्य अंजाम दिया था. तब उनका तर्क था कि आस्था का प्रश्न क़ानून से परे है. ऐसे अपराधियों को कड़ी सजा देने के बजाय उन्हें इस फैसले के रूप में इनाम देना इस पूरी व्यवस्था के धर्म निरपेक्षता के दावे कि कलाई खोल देता है.Anand Singhhttps://www.blogger.com/profile/00146923007469562772noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-608632017228824414.post-64735497626909813682010-10-02T21:01:12.375+05:302010-10-02T21:01:12.375+05:30यह लेख समस्या को देखने का एक सराहनीय प्रयास है। क...यह लेख समस्या को देखने का एक सराहनीय प्रयास है। कोर्ट आफ लॉ के लिए विधिक अदालत नामक एक नया शब्द भी प्राप्त हुआ। अभी जितना देख-समझ पा रहा हूं उसके आधार पर कह सकता हूं कि मोटे तौर पर मुस्लिमों का विश्वास इस व्यवस्था के न्याय के गोचर अंग से उठा हुआ सा दिख रहा है लेकिन विकल्प पेश करने वाली ताकतें चूंकि अभी कमजोर हैं इसलिए यह अविश्वास एक धार्मिक मूलतत्व से प्रेरित दूसरे किस्म के अतिवाद को जन्म देगा। इस संकट को भी समझना होगा।कामता प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/10017796675691176190noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-608632017228824414.post-29048149876622734732010-10-02T21:01:10.665+05:302010-10-02T21:01:10.665+05:30यह लेख समस्या को देखने का एक सराहनीय प्रयास है। क...यह लेख समस्या को देखने का एक सराहनीय प्रयास है। कोर्ट आफ लॉ के लिए विधिक अदालत नामक एक नया शब्द भी प्राप्त हुआ। अभी जितना देख-समझ पा रहा हूं उसके आधार पर कह सकता हूं कि मोटे तौर पर मुस्लिमों का विश्वास इस व्यवस्था के न्याय के गोचर अंग से उठा हुआ सा दिख रहा है लेकिन विकल्प पेश करने वाली ताकतें चूंकि अभी कमजोर हैं इसलिए यह अविश्वास एक धार्मिक मूलतत्व से प्रेरित दूसरे किस्म के अतिवाद को जन्म देगा। इस संकट को भी समझना होगा।कामता प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/10017796675691176190noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-608632017228824414.post-89476066694244198962010-10-02T18:22:54.903+05:302010-10-02T18:22:54.903+05:30हमारा मीडिया अगर पूरा सच दिखता तो लोग इतने बड़े पै...हमारा मीडिया अगर पूरा सच दिखता तो लोग इतने बड़े पैमाने पे बेवक़ूफ़ न बनते <br />काफी अच्छा लेख लिखा है <br />एक बार इसे भी पढ़े <br /><br />http://dabirnews.blogspot.com/2010/10/blog-post_3156.htmlTausif Hindustanihttps://www.blogger.com/profile/13794797683013534839noreply@blogger.com