tag:blogger.com,1999:blog-608632017228824414.post6521638795822606958..comments2023-08-01T18:39:57.464+05:30Comments on बर्बरता के विरुद्ध: जानिए फासीवाद के कारणों और उससे लड़ने के तरीकों को - 2संदीपhttp://www.blogger.com/profile/01871787984864513003noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-608632017228824414.post-50795941551908975302009-06-25T15:50:37.199+05:302009-06-25T15:50:37.199+05:30शाही जी जैसे संघियों के बिच में मैं पला बढा हूँ. इ...शाही जी जैसे संघियों के बिच में मैं पला बढा हूँ. इनके राष्ट्र निर्माण का मतलब स्वंय के निर्माण से है. ये आज़ादी के पहले से ही राष्ट्र निर्माण के नाम पर अपना निर्माण करते आ रहे हैं. हिंदुस्तान में इनसे बड़ा कोई देशभक्त नहीं. बाकि सब लोग गद्दार हैं. इन्हें सडकों और गलियों में भूखे पेट घूमते लोग नज़र नहीं आते जिनकी आँखे इन जैसे रईसों की ठाट-बाट देखते-देखते पथरा गयी हैं. इन्हें इन्ही की फैक्ट्रियों में ख़राब परिस्थितियों में काम करने वाले लोग नज़र नहीं आते. इन्हें इलाज के लिए दर-दर भटक रहे लोग नज़र नहीं आते. इन्हें आत्महत्या को मजबूर किसान और नौजवान बेरोजगार नज़र नहीं आते. इन्हें तो बस हिन्दू राष्ट्र नजर आता है. इनके पास सौ बिमारियों का एक ही देशी इलाज है - हिन्दू. हिन्दू और राष्ट्र निर्माण की बात करो और लोगो को उल्लू बनाओ. और जो लोग इनकी पोल खोले, लोगो को शिक्षित करे उन्हें देशद्रोही बता दो. <br /><br />खैर आपके द्वारा प्रस्तुत लेख काफी लाभप्रद है और जनता की राजनितिक शिक्षा के लिए उपयोगी भी.naveen prakashhttps://www.blogger.com/profile/01336556114961969217noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-608632017228824414.post-58990705479002494762009-06-22T21:40:48.550+05:302009-06-22T21:40:48.550+05:30प्रिय शाही जी , किसी आलेख के विचार पढना और उससे स...प्रिय शाही जी , किसी आलेख के विचार पढना और उससे सहमत या असहमत होना पाठक का अधिकार है ! लेकिन किसी आलेख की अतार्किक और फूहड़ निंदा किसी भी रूप में उचित नहीं मानी जा सकती ! मैंने इस आलेख को पढ़ा था किन्तु टिप्पणी नहीं की ! तो क्या ये मान लूं मेरे जैसी ? टिप्पणी नहीं मिलने से ये आलेख घटिया साबित हो गया है ! प्रिय मित्र , टिप्पणियों की संख्या किसी भी आलेख की गुणवत्ता का प्रमाण नहीं हुआ करतीं ! बेहतर होता कि आप इस आलेख के जबाब में अपने विचार / अपने चिंतन से हमें भी अवगत कराते !sameerhttps://www.blogger.com/profile/03224110776016318876noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-608632017228824414.post-82594744330063060082009-06-22T17:41:10.737+05:302009-06-22T17:41:10.737+05:30आपके पास तो 1925 से देश को विकसित करने की योजना थी...आपके पास तो 1925 से देश को विकसित करने की योजना थी भाईसाहब। क्या बेड़ागर्क किया आज सामने हैं। 84 करोड़ लोग 20 रुपये रोजाना पर जिन्दा हैं। आपका राष्ट्रवाद तिजोरी में पैदा होता है। लेकिन अब ज्यादा दिन लोग आपकी झांसापट्टी में नहीं रहेंगे। देखते जाइए आपकी जड़ों का इतिहास कोने-कोने में पहुंचा ही देंगे। आपकी घबराहट अभी से जाहिर होने लगी है।Kapilhttps://www.blogger.com/profile/15871506466698035418noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-608632017228824414.post-30770335847134598172009-06-22T16:00:26.635+05:302009-06-22T16:00:26.635+05:30अब तक कोई कॉमेंट नही आया देख कर इतनी तो तस्सल्ली ह...<b> <br /><br />अब तक कोई कॉमेंट नही आया देख कर इतनी तो तस्सल्ली हुई की अपने ब्लॉगगेर्स भाई <br />देश के दुश्मनो से भली भाँति परिचित है.......<br /><br />जम के कोशिश कर लो इस देश के लोगों को गद्दारी का पाठ पढ़ाने की और जर्मनी , चीन का इतिहास पढ़ाने की वरना तुम्हे मिलने वाले विदेशी डॉलर्स कम हो जाएँगे..!!<br /><br />मैं तो सोचता था की इस देश मे देशभक्तों की कोई कमी नही है पर ब्लॉग्स पर आने के बाद पता लगा की इस देश मे गद्डारों की भी कोई कमी नही है...<br /><br />जो देश को गुलाम बनाए रखने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहे है और अनपढ़ मजदूरों की सिधाई का नाजायज़ फायेदा उठना चाहते है....<br /><br />भाई मैं चाहता हू की ईश्वर तुम्हे सद्बुधि दे ताकि हम सब <br />मिल कर इस देश का खोया हुआ अतीत वापस ला सकें....ना की इस देश की जनता को और बेवकूफ़ बनाए...<br /><br />क्या तुम्हारे पास इस देश को विकसित रास्ट्र बनाने की कोई योजना है..??<br /><br />अगर अपनी विचारधारा मे देश हित की बातों को शामिल करो तो शायद बाकी ब्लॉगगेर्स भी आपका साथ दे सकें....<br /><br />एक बार प्रेम से बोलो "जय हिंद".<br /><br /><br /></b>Anonymousnoreply@blogger.com